shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview

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त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता हैं।

शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।

देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥

साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।।

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि। बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।

अर्थ- आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।

सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा।।

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

पुत्र हीन कर इच्छा कोई । निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥

द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

अर्थ- हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी get more info शरण ली, आपकी गुहार लगाई।

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